उनको ये शिकायत है कि मैं बेवफाई पे नहीं लिखता,
और मैं सोचता हूं कि मैं उनकी रुसवाई पे नहीं लिखता,
ख़ुद अपने से ज्यादा बुरा जमाने में कौन है?
मैं इसलिए औरों की बुराई पे नहीं लिखता..
कुछ तो आदत से मजबूर हैं और कुछ फितरतों की पसंद है
जख्म कितने भी गहरे हों, मैं उनकी दुहाई पे नहीं लिखता..।
और मैं सोचता हूं कि मैं उनकी रुसवाई पे नहीं लिखता,
ख़ुद अपने से ज्यादा बुरा जमाने में कौन है?
मैं इसलिए औरों की बुराई पे नहीं लिखता..
कुछ तो आदत से मजबूर हैं और कुछ फितरतों की पसंद है
जख्म कितने भी गहरे हों, मैं उनकी दुहाई पे नहीं लिखता..।