'आया तो बार बार संदेशा अमीर का, हमसे मगर हो न सका सौदा जमीर का'
दर्दे-दिल की आग को कोई सागर क्या बुझाएगा
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है
हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है
कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है
इन हवाओं से बारहा ठोकर खाकर
फूल गिरते रहे पेड़ों से जमीं पे आकर
अपनी किस्मत में कभी चैन का नाम नहीं
नींद आती है न कभी वक्त पे जाकर
बेवफा उनको क्यूं कहूं जो साथ न दे
हमने तो जीना सीखा है बस धोखे खाकर
वो फरिश्ता है जिसे मौत का गम न हो
जो चढ़ता हो सूली पे खुद से जाकर
हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
जिसमें न धुँआ हो वो आग बन गए
उगते रहे हैं शूल भी सीने की जमीं से
जबसे तुम मेरे दिल के गुलाब बन गए
अब देखना दुनिया को न हो सका मुमकिन
तुम मेरी निगाहों पे नकाब बन गए
हम आज तक छुपाते रहे राजे-मुहब्बत
न जाने तुम किस तरह हमराज बन गए
आके तू मेरी मौत पे एक फूल चढ़ा दे
ताउम्र तेरे इश्क में मरने की दुआ दे
उंगली को न तू रोक अब, छूने दे मेरे नब्ज़
तू अपनी धड़कनें तो मेरे रग को सुना दे
ले चल मेरी मैयत को तन्हाई में कहीं
और हुस्न की इस आग से ये लाश जला दे
मेरे खाक को आँचल में ही बाँध लेना तुम
इस पोटली को तू किसी दरिया में बहा दे
पास अंधेरा रहे और मैं तन्हा रहूं
कोई जुगनू जले तो मैं भी संग जलूं
भूला हुआ कोई जख्म नस में तड़प उठे
याद नहीं आता फिर भी मैं रो पड़ूं
कितना भी दर्द जगे, उफ्फ ना मैं करूं
कोई क्या जानेगा, आहें भी जो मैं भरूं
जीने की ख्वाहिश थी लेकिन अब नहीं है
शिकवा भी तुमसे आखिर मैं क्यूं करूं
कौन से लफ्ज़ में मैं दर्द की सदा लिखूं
किस तरह मैं अपने ही दिल को बेवफा लिखूं
इन अंधेरों की खामोशी में है रूह मेरी
और उजालों में दिखे जिस्म को जनाजा लिखूं
साज के रोते हुए सुर मुझे कुछ कहते हैं
इन सुरों को मैं किसी नज्म का आईना लिखूं
सात रंगों को लिखता हूं मैं इंद्रधनुष
सैकड़ों जख्म की रंगत को आशना लिखूं
टूटेंगे नहीं उम्मीद के तारे तब तलक
दुनिया में रहेंगे बेसहारे जब तलक
शाम बेचेहरा अक्स है इंतजारों का
रहेगा आईने-मुद्दत ये जाने कब तलक
तू फसाने को कागज पे लिखती तो है
मेरा किरदार नहीं लिखा तूने अब तलक
मेरी देहरी की सीढ़ी तेरे कदम चूमे
यही ख्वाहिश है जिस्मो-जां से लब तलक
कानों में है गूंजती दिन-रात यूं तेरी सदा
सुन नहीं पाया दुनिया से आती हुई कोई हवा
दिल के हर जज़्बात से गम आशना है इस कदर
दर्द ही देता है मुझको मुस्कुराने की दवा
बेवफा है दुनिया में सजता हुआ हर आईना
जो चमक में खो गए वो भूल गए अपनी वफा
हो गया आसान कितना जीना अब तन्हाई में
मुश्किल में थी जब जिंदगी, वो कह गए अलविदा
बैठे-बैठे सोच रही हूं दीवारों से पीठ लगा के
खुद को मैं खोज रही हूं, सीने पे खंजर चला के
उम्मीदों का सावन कल तक, बरसा था दो आंखों से
आज सब कुछ सूख गया है, रेतों में उम्मीद जगा के
आने दो इन पंछियों को, आंगन में मैं अकेली हूं
मेरी तरह मुसाफिर हैं ये, जीते नहीं हैं शहर बसा के
अपनी दुनिया वो नहीं जिसमें दिल का नाम नहीं
कैसे जीएंगे हम भला फिर किसी से देह लगा के
सूनी रातों का शहर है वीराने में
खाक बिखरा है दिल का दीवाने में
दिल में घायल परिंदा तड़पता है
कितनी देरी है मसीहा को दवा लाने में
जख्म तन्हा ही रहे तो कहीं अच्छा है
बड़ी तकलीफ है किसी के छोड़ जाने में
रात के साये में वो चले आए हैं
शाम से शम्मा बुझी है आशियाने में
तेरी दिल्लगी भी इश्क में मेरे दिल का गुल खिलाएगी
तेरी बेवफाई भी मुझसे एक हसीन गजल लिखवाएगी
तुमसे वफा की आस भी रखूं भी मैं किस राह पर
मालूम है तू एक दिन बड़ी दूर निकल जाएगी
सज़दे की वो जमीं है, जहां बैठकर मैं रोता हूं
तेरे दर्द के इन अश्कों में मेरी मिट्टी भी गल जाएगी
बरसों बरस भी धूप है, सूरज ही जिसका रूप है
इस जिंदगी की आग से तू चांद में बदल जाएगी
अपने हर आह की दास्तां अर्ज किया है हमने
आओ तुमको जी भर के मैं प्यार करूं
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर
कभी हंसते हो कभी तुम रूठ जाते हो
हम तो खामोश हैं तेरी ही खामोशी से
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने
दिलजला तो मौत के पहलू में जाकर ही बुझता है
हर सितम एक आईना है, तुमको देखूं बार-बार
खूने-जिगर तो तेरी जफा ही पाने को तरसता है
कागज के फूलों की खूशबू भर जाती है आंखों में
तेरे इन पुराने खतों में तेरा साया दिखता है
इन हवाओं से बारहा ठोकर खाकर
फूल गिरते रहे पेड़ों से जमीं पे आकर
अपनी किस्मत में कभी चैन का नाम नहीं
नींद आती है न कभी वक्त पे जाकर
बेवफा उनको क्यूं कहूं जो साथ न दे
हमने तो जीना सीखा है बस धोखे खाकर
वो फरिश्ता है जिसे मौत का गम न हो
जो चढ़ता हो सूली पे खुद से जाकर
हम तेरी मुहब्बत में आफताब बन गए
जिसमें न धुँआ हो वो आग बन गए
उगते रहे हैं शूल भी सीने की जमीं से
जबसे तुम मेरे दिल के गुलाब बन गए
अब देखना दुनिया को न हो सका मुमकिन
तुम मेरी निगाहों पे नकाब बन गए
हम आज तक छुपाते रहे राजे-मुहब्बत
न जाने तुम किस तरह हमराज बन गए
आके तू मेरी मौत पे एक फूल चढ़ा दे
ताउम्र तेरे इश्क में मरने की दुआ दे
उंगली को न तू रोक अब, छूने दे मेरे नब्ज़
तू अपनी धड़कनें तो मेरे रग को सुना दे
ले चल मेरी मैयत को तन्हाई में कहीं
और हुस्न की इस आग से ये लाश जला दे
मेरे खाक को आँचल में ही बाँध लेना तुम
इस पोटली को तू किसी दरिया में बहा दे
पास अंधेरा रहे और मैं तन्हा रहूं
कोई जुगनू जले तो मैं भी संग जलूं
भूला हुआ कोई जख्म नस में तड़प उठे
याद नहीं आता फिर भी मैं रो पड़ूं
कितना भी दर्द जगे, उफ्फ ना मैं करूं
कोई क्या जानेगा, आहें भी जो मैं भरूं
जीने की ख्वाहिश थी लेकिन अब नहीं है
शिकवा भी तुमसे आखिर मैं क्यूं करूं
कौन से लफ्ज़ में मैं दर्द की सदा लिखूं
किस तरह मैं अपने ही दिल को बेवफा लिखूं
इन अंधेरों की खामोशी में है रूह मेरी
और उजालों में दिखे जिस्म को जनाजा लिखूं
साज के रोते हुए सुर मुझे कुछ कहते हैं
इन सुरों को मैं किसी नज्म का आईना लिखूं
सात रंगों को लिखता हूं मैं इंद्रधनुष
सैकड़ों जख्म की रंगत को आशना लिखूं
टूटेंगे नहीं उम्मीद के तारे तब तलक
दुनिया में रहेंगे बेसहारे जब तलक
शाम बेचेहरा अक्स है इंतजारों का
रहेगा आईने-मुद्दत ये जाने कब तलक
तू फसाने को कागज पे लिखती तो है
मेरा किरदार नहीं लिखा तूने अब तलक
मेरी देहरी की सीढ़ी तेरे कदम चूमे
यही ख्वाहिश है जिस्मो-जां से लब तलक
कानों में है गूंजती दिन-रात यूं तेरी सदा
सुन नहीं पाया दुनिया से आती हुई कोई हवा
दिल के हर जज़्बात से गम आशना है इस कदर
दर्द ही देता है मुझको मुस्कुराने की दवा
बेवफा है दुनिया में सजता हुआ हर आईना
जो चमक में खो गए वो भूल गए अपनी वफा
हो गया आसान कितना जीना अब तन्हाई में
मुश्किल में थी जब जिंदगी, वो कह गए अलविदा
बैठे-बैठे सोच रही हूं दीवारों से पीठ लगा के
खुद को मैं खोज रही हूं, सीने पे खंजर चला के
उम्मीदों का सावन कल तक, बरसा था दो आंखों से
आज सब कुछ सूख गया है, रेतों में उम्मीद जगा के
आने दो इन पंछियों को, आंगन में मैं अकेली हूं
मेरी तरह मुसाफिर हैं ये, जीते नहीं हैं शहर बसा के
अपनी दुनिया वो नहीं जिसमें दिल का नाम नहीं
कैसे जीएंगे हम भला फिर किसी से देह लगा के
सूनी रातों का शहर है वीराने में
खाक बिखरा है दिल का दीवाने में
दिल में घायल परिंदा तड़पता है
कितनी देरी है मसीहा को दवा लाने में
जख्म तन्हा ही रहे तो कहीं अच्छा है
बड़ी तकलीफ है किसी के छोड़ जाने में
रात के साये में वो चले आए हैं
शाम से शम्मा बुझी है आशियाने में
तेरी दिल्लगी भी इश्क में मेरे दिल का गुल खिलाएगी
तेरी बेवफाई भी मुझसे एक हसीन गजल लिखवाएगी
तुमसे वफा की आस भी रखूं भी मैं किस राह पर
मालूम है तू एक दिन बड़ी दूर निकल जाएगी
सज़दे की वो जमीं है, जहां बैठकर मैं रोता हूं
तेरे दर्द के इन अश्कों में मेरी मिट्टी भी गल जाएगी
बरसों बरस भी धूप है, सूरज ही जिसका रूप है
इस जिंदगी की आग से तू चांद में बदल जाएगी
मुजरिम हुआ ऐ हुस्न, सूली पे लटका दो मुझे
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने
मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिल के मालिक
अपने हर आंसू की कीमत वसूल किया है हमने
तेरे दर पे मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी
इस दिल के सहारे तेरी बंदगी किया है हमने
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने
मेरे गजल सुबूत हैं, देख लो ऐ दिल के मालिक
अपने हर आंसू की कीमत वसूल किया है हमने
तेरे दर पे मुझे कुछ न मिलेगा, ये जानकर भी
इस दिल के सहारे तेरी बंदगी किया है हमने
दिल भी जाने कैसी-कैसी बातें करता रहता है
इश्क करो, बस इश्क करो, सिर्फ यही दुहराता है
मुझको पढ़ लोगी तो तुम भी दीवानी बन जाओगी
मेरा दिल कोरे कागज पे खत में उनको लिखता है
कोई फूल बता नहीं सकता, कांटें क्यूं हैं दामन में
दिल ही दर्द से जाने क्यूं इतनी मुहब्बत करता है
रात ढ़लती है आंखों में, नींद उड़ती है तन्हा सी
इस जुदाई के पहर में दिल दीपक सा जलता है
इश्क करो, बस इश्क करो, सिर्फ यही दुहराता है
मुझको पढ़ लोगी तो तुम भी दीवानी बन जाओगी
मेरा दिल कोरे कागज पे खत में उनको लिखता है
कोई फूल बता नहीं सकता, कांटें क्यूं हैं दामन में
दिल ही दर्द से जाने क्यूं इतनी मुहब्बत करता है
रात ढ़लती है आंखों में, नींद उड़ती है तन्हा सी
इस जुदाई के पहर में दिल दीपक सा जलता है
आओ तुमको जी भर के मैं प्यार करूं
आओ तुमको जी भर के मैं प्यार करूं
दिल में दबी चाहत है, उसका इजहार करूं
बरसों से एक अरमां सीने में दफन है
तुमको सीने से लगाके उसका इकरार करूं
वक्त की बिसात न हो कि वो जुदा करे हमें
इस रात को भी आज मैं बेकरार करूं
जिंदगीभर तुम मुझे भूल ना पाओगी
इस तरह से तुम्हें दिल में गिरफ्तार करूं
दिल में दबी चाहत है, उसका इजहार करूं
बरसों से एक अरमां सीने में दफन है
तुमको सीने से लगाके उसका इकरार करूं
वक्त की बिसात न हो कि वो जुदा करे हमें
इस रात को भी आज मैं बेकरार करूं
जिंदगीभर तुम मुझे भूल ना पाओगी
इस तरह से तुम्हें दिल में गिरफ्तार करूं
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर
कभी हंसते हो कभी तुम रूठ जाते हो
तुम इन अदाओं से मेरा दिल चुराते हो
बुझ गई हूं मैं बंधनों में रहते-रहते
एक तुम ही तो हो जो मुझको जलाते हो
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर
ख्वाब का दरिया सहरा में बहाते हो
बारहा तेरे ही पास मैं चली आती हूं
अपने सितमों से ऐसा असर छोड़ जाते हो
बुझ गई हूं मैं बंधनों में रहते-रहते
एक तुम ही तो हो जो मुझको जलाते हो
एक जवां प्यास मिली है तुमको पाकर
ख्वाब का दरिया सहरा में बहाते हो
बारहा तेरे ही पास मैं चली आती हूं
अपने सितमों से ऐसा असर छोड़ जाते हो
हम तो खामोश हैं तेरी ही खामोशी से
कितना आसान है जमाने में जनम लेना
बड़ी मुश्किल है एक उम्र तक जीवन जीना
हम तो खामोश हैं तेरी ही खामोशी से
हमने तुमसे ही सीखा है आंसू पीना
मीलों चलते रहे हम तेरी रोशनी के लिए
बुझ गए हैं, अब तेरा क्या आसरा रखना
दिल को बहलाके तुम टूटे खिलौनों की तरह
मेरे रोने से हासिल न हुआ फिर से जुड़ना
बड़ी मुश्किल है एक उम्र तक जीवन जीना
हम तो खामोश हैं तेरी ही खामोशी से
हमने तुमसे ही सीखा है आंसू पीना
मीलों चलते रहे हम तेरी रोशनी के लिए
बुझ गए हैं, अब तेरा क्या आसरा रखना
दिल को बहलाके तुम टूटे खिलौनों की तरह
मेरे रोने से हासिल न हुआ फिर से जुड़ना
गुनाह कुबूल है मुझे, तुमसे इश्क किया है हमने
दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है,
भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है,
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है|
गुल को गुलाब बना देते,
गुलाब को कमल बना देते,
जानम तुम हम पर मरते नहीं,
वरना जोधपुर में भी ताजमहल बना देते
बड़ी मुश्किल से बना हूँ टूट जाने के बाद,
मैं आज भी रो देता हूँ मुस्कुराने के बाद
तुझसे मोहब्बत थी मुझे बेइन्तहा लेकिन,
अक्सर ये महसूस हुआ तेरे जाने के बाद
अब तक ढून्ढ रहा हूँ मैं अपने अन्दर के उस शख्स को
जो नज़र से खो गया है नज़र आने के बाद
चाँदनी चाँद करता है चमकना सितारोँ को पडता है
मोहब्बत आँखे करती है तडपना दिल को पडता है|
इतनी पीता हू की मदहोश रहता हू.
सब कुछ समझता हू पर खामोश रहता हू
जो लोग करते ह मुझे गिराने की कोशिश
मे अक्सर उन्ही के साथ रहता हू
जब जब में लेता हूँ साँस तू याद आती है,
मेरी हर एक साँस मे तेरी खुश्बू बस जाती है,
कैसे कहूँ तेरे बिना में ज़िंदा हूँ,
क्यूंकी हर साँस से पहले तेरी खुसबु आती है
दिल की किताब में गुलाब उनका था,
रात की नींद में ख्वाब उनका था |
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा,
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था
नई सी सुबह नया सा सवेरा,
सूरज की किरण मे हवाओ का बसेरा
खुले आसमान मे सूरज का चेहरा,
मुबारक हो आपको ये हसीन सवेरा.
सब कुछ मुझ को तुझे चाहने के बाद
अब क्या खुदा से मांगू तुझे माँगने के बाद
तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है
यूँ तो रातों को नींद नही आती
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है
घर से बाहर वो नक़ाब मे निकली
सारी गली उनकी फिराक मे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहब्बत से
ओर हमारी ही तस्वीर उनकी किताब से निकली
नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे
गुल गई गुलशन गई, गई होंठो की लाली,
अब तो मेरा पीछा छोड़, तू हो गई बचो वाली.
तू चाँद और मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशियाना हमारा होता,
लोग तुम्हे दूर से देखते,
नज़दीक़ से देखने का हक़ बस हमारा होता
अपनो को दूर होते देखा,
सपनो को चूर होते देखा !
अरे लोग कहते हैँ कि फूल कभी रोते नही ,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा
प्यार मे कुछ कुछ होता है
प्यार मे दिल तो पागल है
प्यार मे कभी खुशी कभी गम
प्यार एक ऐसी पहेली है जो ना तुम जानो ना हम
कभी खुशी की आशा, कभी गम की निराशा,
कभी खुशियों की धूप, कभी हक़ीक़त की छाया,
कुछ खोकर कुछ पाने की आशा., शायद यही है ज़िंदगी की सही परिभाषा
खोकर पाने का मज़ा ही कुछ ओर है,
रोकर मुस्कुराने का मज़ा ही कुछ ओर है,
हार तो ज़िंदगी का हिस्सा है मेरे दोस्त,
हारने के बाद जीतने का मज़ा ही कुछ ओर है
छोड दिया हमारा साथ तो कोई गम नहीँ,
भुल जायेँगे आप हमे, भुलने वाले हम नहीँ,
मुलाकत हो ना पाई तो कोई बात नही,
आपकी एक याद मुलाकत से कम नही,
दुनिया प्यार करती हे बड़े जोर के साथ
हमने भी किया था बड़े शोर के साथ
अब न करेंगे
करेंगे भी तो बड़े गौर के साथ
क्यों की
कल हमने उन्हें देखा था किसी और के साथ…
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,
आज भी इंतजार है तेरे आने का
सूरज के बिना सुबह नही होती,
चाँद के बिना रात नही होती,
बादल के बिना बरसात नही होती,
आपकी याद के बिना दिन की शुरुआत नही होती
दोस्ती इस तरह करो कि लोग वाह वाह करने पर मजबुर हो जाए,
प्यार इस तरह करो कि दुनिया को उसके सामने सर झुकाना मंजुर हो जाए
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है…
जिसका रास्ता बहुत खराब है…
मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा…
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…
काटो के बदले फूल क्या दोगे…
आँसू के बदले खुशी क्या दोगे…
हम चाहते है आप से उमर भर की दोस्ती
हमारे इस शायरी का जवाब क्या दोगे?
धोखा दिया था जब तूने मुझे. जिंदगी से मैं नाराज था,
सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं. मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था
मेरा दर्द किसी की हसने की वजह जरुर बन सकता है!
लेकिन मेरी हसी किसी के दर्द की वजह नहीं बननी चाहिए!
जीवन का आधार प्यार है, प्यार पिला दो प्यार,
प्यार बिना मै ठुकरा दूंगा, सोने का संसार
हभ क्योँ गम करेँ
अगर वो हमेँ ना मिले
अरे! गम तो वो करेँ
जिसे हम ना मिले
बहुत खुबसूरत है आखे तुम्हारी
इन्हें बना दो किस्मत हमारी
हमें नहीं चहिये ज़माने की खुसिया
अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी
लोगों ने कहा की मैं शराबी हूँ,
मैने कहा उन्हो ने आँखों से पिलाइ है.
लोगों ने कहा की मैं आशिक़ हूँ,
मैने कहा आशिक़ी उन्हो ने सिखाई है.
लोगों ने कहा राहुल तू शायर दीवाना है,
मैने कहा उनकी मोहब्बत रंग लाई है.
तुज़से दोस्ती करने का हिसाब ना आया,
मेरे किसी भी सवाल का जवाब ना आया,
हम तो जागते रहे तेरे ही ख़यालो मे,
और तुझे सो कर भी हमारा ख्वाब ना आया
दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया,
क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया,
हम तो वैसे भी अकेले थे
अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा,
आप तो डर गये मेरी एक ही कसम से,
आपकी कसम देकर हमें तो हज़ारों ने लूटा
रूप का आकर्षण प्यार नही होता
हर किसी पे ना मर छोरे
क्योकि हर के पास सच्चा प्यार नही होता
चाँद ने की होगी सूरज से महोब्बत इसलिए तो चाँद मैं दाग है
मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफ़ाई इसलिए तो सूरज मैं आग है
कितना भी चाहो ना भूला पाओगे
हमसे जितना दूर जाओ नज़दीक पाओगे
हमे मिटा सकते हो तो मिटा दो
यादें मेरी, मगर….
क्या सपनो से जुदा कर पाओ गे हमे|
रिस्ता तो ऊपर वाले कि दुनिया मे बनता है
बस हम निभाना जानते है
खुदा से दुआ करते है की आपकी दोस्ती पाना चाहते है
ए खुदा आज ये फ़ैसला करदे,
उसे मेरा या मुझे उसका करदे.
बहुत दुख सहे हे मैने,
बहुत दुख सहे हे मैने,
कोई ख़ुसी अब तो मूक़दर करदे.
बहुत मुश्किल लगता है उससे दूर रहना,
जुदाई के सफ़र को कम करदे.
जितना दूर चले गये वो मुझसे,
जितना दूर चले गये वो मुझसे,
उसे उतना करीब करदे.
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम,
नही लिखा अगर नसीब मे उसका नाम,
तो ख़तम कर ये ज़िंदगी और मुझे फ़ना करदे
जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
ए चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना,
तारो की महफ़िल संग रोशनी करना,
छुपा लेना अंधेरे को,
हर रात के बाद एक खूबसूरत सवेरा देना…
तमन्नाओँ की भिड़ मेँ इक तमन्ना पुरी हो गाई
ज़ीन्दगी से उम्मीद खत्म और मौत की आरज़ू पुरी हो गई !!!
कभी किसी से प्यार मत करना
हो जाए तो इनकार मत करना
निभा सको तो चलना उसकी राह पर
वरना किसी की ज़िंदगी बरबाद मत करना
तुमको मिलके बीते हूए कल की याद आने लगी,
ज़िन्दगी जीने की तम्मना फिरसे खिल उठी,
लेकिन जब तुम्हारे लबो के किसी और का नाम सुना तो,
ज़िन्दगी में फिर से अमावस का अँधेरा छा गया
सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती ,
चिंगारी किसी अंगार से कम नहीं होती!
ये तो अपनी अपनी सोच का फर्क है बरना ,
दोस्ती किसी प्यार से कम नहीं होती
हम कहा थे इतने दिनों से …खुद हमको ही मालूम न था
ये वक्त भी क्या गुल खिलाती हे हमको कुछ याद ही नहीं …
ज़िन्दगी के कुछ पल भी अजीब सी होती है खुद ही सो जाती हे
जागना चाह तो आंख खुली ही नहीं जब जागा तो कुछ याद्द ही नहीं …
फुलो सा खुबसुरत चेहरा हैं आपका,
हर दिल दिवाना है आपका,
लोग कहते है चाँद का टुकडा है आप,
लेकिन हम कहते है चाँद टुकडा है आपका
ये खुदा तूने इंसान को क्या से क्या बना दिया ,
किसी को हीर तो किसी को राँझा बना दिया !
कितना बेबकूफ़ था शायजहाँ…………..
एक फूल का बोझ उठा नहीं सकती थी मुमताज ,
और उसके ऊपर ताज महल बनबा दिया !!
दिल की बात दिल में मत रखना,
जो पसंद हो उससे आइ लव यू कहना,
अगर वो गुस्से में आ जाए तो डरना मत,
राखी निकाल ना और कहना प्यारी बहना मिलती रहना
याद मे तेरी आँखे भरता हे कोई,
हर सांस के साथ याद करता ह कोई,
मौत तो ऐसी चीज़ हे जिसको आना ही हे…
लेकिन तेरी जुदाई मे हर रोज मरता हे कोई
प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है
दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है
ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है
ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार
मौत आती हैं एक बार
दोस्ती होती हैं एक बार
प्यार होता हैं एक बार
दिल टूटता हैं एक बार
जब सब कुछ होता हैं एक बार
दिल की हस्ती बिखर गई होती,
रूह के जखम भर गए होते,
जिन्दगी आपके नवाज़ में हे,
वरना हम तो कब के मर गए होते……
जिंदगी में कुछ दोस्त खास बन गये
मिले तो मुलाकात और बिछड़े तो याद बन गये
कुछ दोस्त धीरे धीरे फिसलते चले गये
पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये
हर छलकती बोतल शराब नहीं होती
हर खिलती हुई कलि गुलाब नहीं होती
जिंदगी एक आइना है, यहाँ पर हर कुछ छुपाना पड़ता है|
दिल में हो लाख गम फिर भी महफ़िल में मुस्कुराना पड़ता है |
ए चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना,
तारो की महफ़िल संग रोशनी करना,
छुपा लेना अंधेरे को,
हर रात के बाद एक खूबसूरत सवेरा देना…
तमन्नाओँ की भिड़ मेँ इक तमन्ना पुरी हो गाई
ज़ीन्दगी से उम्मीद खत्म और मौत की आरज़ू पुरी हो गई !!!
कभी किसी से प्यार मत करना
हो जाए तो इनकार मत करना
निभा सको तो चलना उसकी राह पर
वरना किसी की ज़िंदगी बरबाद मत करना
तुमको मिलके बीते हूए कल की याद आने लगी,
ज़िन्दगी जीने की तम्मना फिरसे खिल उठी,
लेकिन जब तुम्हारे लबो के किसी और का नाम सुना तो,
ज़िन्दगी में फिर से अमावस का अँधेरा छा गया
सादगी किसी श्रृंगार से कम नहीं होती ,
चिंगारी किसी अंगार से कम नहीं होती!
ये तो अपनी अपनी सोच का फर्क है बरना ,
दोस्ती किसी प्यार से कम नहीं होती
हम कहा थे इतने दिनों से …खुद हमको ही मालूम न था
ये वक्त भी क्या गुल खिलाती हे हमको कुछ याद ही नहीं …
ज़िन्दगी के कुछ पल भी अजीब सी होती है खुद ही सो जाती हे
जागना चाह तो आंख खुली ही नहीं जब जागा तो कुछ याद्द ही नहीं …
फुलो सा खुबसुरत चेहरा हैं आपका,
हर दिल दिवाना है आपका,
लोग कहते है चाँद का टुकडा है आप,
लेकिन हम कहते है चाँद टुकडा है आपका
ये खुदा तूने इंसान को क्या से क्या बना दिया ,
किसी को हीर तो किसी को राँझा बना दिया !
कितना बेबकूफ़ था शायजहाँ…………..
एक फूल का बोझ उठा नहीं सकती थी मुमताज ,
और उसके ऊपर ताज महल बनबा दिया !!
दिल की बात दिल में मत रखना,
जो पसंद हो उससे आइ लव यू कहना,
अगर वो गुस्से में आ जाए तो डरना मत,
राखी निकाल ना और कहना प्यारी बहना मिलती रहना
याद मे तेरी आँखे भरता हे कोई,
हर सांस के साथ याद करता ह कोई,
मौत तो ऐसी चीज़ हे जिसको आना ही हे…
लेकिन तेरी जुदाई मे हर रोज मरता हे कोई
प्यार मे कोई दिल तोड़ देता है
दोस्ती मे कोई भरोसा तोड़ देता है
ज़िंदगी जीना तो कोई गुलाब से सीखे
जो खुद टूट कर दो दिलों को जोड़ देता है
ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार
मौत आती हैं एक बार
दोस्ती होती हैं एक बार
प्यार होता हैं एक बार
दिल टूटता हैं एक बार
जब सब कुछ होता हैं एक बार
दिल की हस्ती बिखर गई होती,
रूह के जखम भर गए होते,
जिन्दगी आपके नवाज़ में हे,
वरना हम तो कब के मर गए होते……
जिंदगी में कुछ दोस्त खास बन गये
मिले तो मुलाकात और बिछड़े तो याद बन गये
कुछ दोस्त धीरे धीरे फिसलते चले गये
पर जो दिल से ना गये वो आप बन गये
हर छलकती बोतल शराब नहीं होती
हर खिलती हुई कलि गुलाब नहीं होती
चाहते तो ताजमहल हम भी बनवा देते
लेकिन हर एक लड़की मुमताज नहीं होती
तू चाँद है शरमाया ना कर,
फूल से चेहरे को मुरझाया ना कर,
जब तक हम ज़िंदा है तेरे दोस्त बन कर
तब तक किसी ब बात से घबराया ना कर
हर पल आता है!
हर पल जाता है!
इस पल आपको वो मिले
जो आपका दिल चाहता है
नजर मिलाकर मेँरे पास आकर लुट लिया।
नजर हटी ही नहीँ थी कि फिर मुस्कुराकर लुट लिया
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता .
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता .
जब बी देखता वो अपने हाथों को ,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता
सिगरेट जलाई थी तेरी याद भुलाने को
मगर कम्बख्त धुए ने तेरी तस्वीर बना डाली
पुराने दोस्त सोना जैसे होते है ,
नए दोस्त डायमंड जैसे होते है,
मगर याद रखना डायमंड को चमकने के लिए सोने का सहारा लेना पड़ता है.
फूलो से क्या दोस्ती करते हो,
फूल तो मुरझा जाते है.
अगर दोस्ती करनी है तो कॅंटो से करो,
क्यूकी वो चुभ कर भी याद आते है
ऐ सुरज मेरे अपनो को पैगाम देना
खुशीयो का दिन हसी कि शाम देना
जब कोई पढे प्यार से मेरे SMS को
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना
न हम खफा है तुम से न कोई फरयाद करते है
तुम कॉल करो या न करो ये जान लो हम तुम्हे हर पल याद करते
सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता.
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है……
नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे
चाहने से कोई चीज़ अपनी नही होती,
हर मुस्कुराहट खुशी की नही होती,
अरमान तो भूख होती है दिल मे,
मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सही नही होती
प्यार मै कोइ तो दील तोड देता है।
दोस्ती मेँ कोइ तो भरोसा तोड देता है।
जीन्दगी जीना तो कोइ गुलाब से सीखे।
जो खुद टुट कर दो दीलो को जोड देता हैँ
ना करो वो वादा जो पूरा ना हो सके,
ना चाहो उसे जिसे पा ना सको,
प्यार कहा किसीका पूरा होता है,
पहेला प्यार अकशर अधुरा ही होता है!!!!
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है
हर मिलन जुदाई से होती है
रिस्तो को कभी परख कर देखना
दोस्ती हर रिश्ते से बड़ी होती है!
महफ़िल में इस कदर पीने का दौर था
हमको पिलाने के लिए सबका जोर था,
पी गए हम इतनी यारो के कहने पर,
न अपना गौर था न ज़माने का गौर था
प्यारा सा एसास हो तुम ,
हर पल मेरे पास हो तुम
जीना की इक आस हो तुम
मन का इक विशवास हो तुम
शायद इस लिए कुछ खास हो तुम
न जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में
लेकिन हर एक लड़की मुमताज नहीं होती
तू चाँद है शरमाया ना कर,
फूल से चेहरे को मुरझाया ना कर,
जब तक हम ज़िंदा है तेरे दोस्त बन कर
तब तक किसी ब बात से घबराया ना कर
हर पल आता है!
हर पल जाता है!
इस पल आपको वो मिले
जो आपका दिल चाहता है
नजर मिलाकर मेँरे पास आकर लुट लिया।
नजर हटी ही नहीँ थी कि फिर मुस्कुराकर लुट लिया
बनाने वाले ने दिल काँच का बनाया होता .
तोड़ने वाले के हाथ मे जखम तो आया होता .
जब बी देखता वो अपने हाथों को ,
उसे हमारा ख़याल तो आया होता
सिगरेट जलाई थी तेरी याद भुलाने को
मगर कम्बख्त धुए ने तेरी तस्वीर बना डाली
पुराने दोस्त सोना जैसे होते है ,
नए दोस्त डायमंड जैसे होते है,
मगर याद रखना डायमंड को चमकने के लिए सोने का सहारा लेना पड़ता है.
फूलो से क्या दोस्ती करते हो,
फूल तो मुरझा जाते है.
अगर दोस्ती करनी है तो कॅंटो से करो,
क्यूकी वो चुभ कर भी याद आते है
ऐ सुरज मेरे अपनो को पैगाम देना
खुशीयो का दिन हसी कि शाम देना
जब कोई पढे प्यार से मेरे SMS को
तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना
न हम खफा है तुम से न कोई फरयाद करते है
तुम कॉल करो या न करो ये जान लो हम तुम्हे हर पल याद करते
सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता.
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता.
ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती.
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता.
लोग कहते हैं किसी एक के चले जाने से जिन्दगी अधूरी नहीं होती,
लेकिन लाखों के मिल जाने से उस एक की कमी पूरी नहीं होती है……
नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे
चाहने से कोई चीज़ अपनी नही होती,
हर मुस्कुराहट खुशी की नही होती,
अरमान तो भूख होती है दिल मे,
मगर कभी वक़्त तो कभी किस्मत सही नही होती
प्यार मै कोइ तो दील तोड देता है।
दोस्ती मेँ कोइ तो भरोसा तोड देता है।
जीन्दगी जीना तो कोइ गुलाब से सीखे।
जो खुद टुट कर दो दीलो को जोड देता हैँ
ना करो वो वादा जो पूरा ना हो सके,
ना चाहो उसे जिसे पा ना सको,
प्यार कहा किसीका पूरा होता है,
पहेला प्यार अकशर अधुरा ही होता है!!!!
प्यार करने वालों की किस्मत बुरी होती है
हर मिलन जुदाई से होती है
रिस्तो को कभी परख कर देखना
दोस्ती हर रिश्ते से बड़ी होती है!
महफ़िल में इस कदर पीने का दौर था
हमको पिलाने के लिए सबका जोर था,
पी गए हम इतनी यारो के कहने पर,
न अपना गौर था न ज़माने का गौर था
प्यारा सा एसास हो तुम ,
हर पल मेरे पास हो तुम
जीना की इक आस हो तुम
मन का इक विशवास हो तुम
शायद इस लिए कुछ खास हो तुम
न जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में
शराब सा नशा है मेरी निगाहों में
तेरी तलाश में तेरे मिलना की आस लिये
दुआऐं मॉगता फिरता हॅू दरगाहों में
अपनोकी ईनायत कभी खतम नही होती
रीस्तोकी महेक भी कभी कम नही होती
जीवनमें साथ हो गर कीसी सच्चे रीस्तोका
तो ये जींदगी कीसी जन्नंतसे कम नही लगती
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,
अज भी इंतजार है तेरे आने का
हमारे चले जाने के बाद,
ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
कहा चला गया वो शख्स
जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था
सुना है वो कह कर गये है के अब तो हम,
………… सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मैं ही आएँगे,
कोई कह दे उनसे की वो वादा कर ले हम से,
………. ज़िंदगी भर के लिए हम सो जाएँगे…
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद!
हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!
दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाये! हम आपको याद करे और आपको खबर हो जाये!
रब से बस इतनी दुआ करते हैं! आप जो चाहे आपको मिल जाये!
जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से!
प्यार शुरू होता है अपनों से! और अपने शुरू होते है आप से!
साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा! दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
जी लो ये पल जब तक हम साथ है! कल का क्या पता हम हो न हो!
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
शाम होते ही ये दिल उदास होता है! टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है!
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है! जब कोई बन्दर आस-पास होता है!
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं! हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब! मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
शादी करनी थी पर किस्मत खुली नहीं! ताज बनाना था पर मुमताज मिली नहीं!
एक दिन किस्मत खुली और शादी हो गई! अब ताज बनाना है पर यह मुमताज मरती ही नहीं!
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम! बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन! तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं! प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में! ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!m वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद!
हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!
दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाये! हम आपको याद करे और आपको खबर हो
जाये! रब से बस इतनी दुआ करते हैं! आप जो चाहे आपको मिल जाये!
जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से! प्यार शुरू होता है अपनों से! और
अपने शुरू होते है आप से!
साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा! दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा! जी लो ये पल
जब तक हम साथ है! कल का क्या पता हम हो न हो!
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस
राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
चेहरे पर अश्कों की लक़ीर बन गई जो न चाहा था वो ही तक़दीर बन गई हमने तो रेत पर
चलाई थीं उंगलियां देखा तो आपकी तस्वीर बन गई।
कहते है वक़्त हर ज़ख्म को भर देता है लेकिन जाने क्यो मैने अपने ज़ख्म को
हर वक़्त हारा पाया, तुम तो चल दिये छोड कर तन्हा मुझको लेकिन आंखो
को हर पल तेरे इन्तेज़ार मे बिछा पाया....................
बहुत दिनो से आपका कोई पैगाम ना आया दिल का तडपना कुछ काम ना
आया, तू नही तो तेरी याद ही सही घर से तेरे मै नकाम ना आया.....
अब इस से बढकर वफा की हद क्या होगी कि हर ज़रे मे मैने अक्स तेरा पाया
जब कभी चली बात तेरी ए दोस्त जब्त आंसू कर गये हम लेकिन दिल को
रोता पाया
पत्थर सुलग रहे कोई नक्शा ना था हम जिस तरफ चले थे उधर रास्ता ना था
नाकामियो की सहर की तन्हाईया ना पूछ अपना सरिके गम कोई अपने सिवा
ना था
काश ये दिन आया ना होता ज़िन्दगी ने यू अकेले छोडा ना होता
सब कुछ पाकर भी कुछ अधुरा सा है काश किसी दोस्त ने यू छोडा ना होता
आप कहते थे की रोने से ना बदलेंगे नसीब उम्र भर आपकी इसी बात ने रोने
ना दिया, रोने वालो से कहो उनका भी रोना रो ले जिनको मजबुरी-ए-हालात
ने रोने ना दिया,
क्या बताये वो ज़िन्दगी के गम, किसी का दोश है कहाँ, जख्म हम खुद ही खाते
है, खडे है आज उस मुकाम पे हम जहाँ जाने वाले कभी लौट के ना आते है,
दर्द से हाथ ना मिलाते तो और क्या करते,गम के आंसू ना बहाते तो और क्या
करते,उसने मांगी थी हमसे रोशनी की दुआ,हम खुद को ना जलाते तो और क्या
करते|
अपने होठो पर सजा कर तुझे, हम तेरे ही गीत गाना चाहते है,
जल कर बुझ जाना हमारी किस्मत सही, बस एक बार रोशन होना चाहते है|
दिल की हालत की तरफ किसकी नज़र जाती है, प्यार की उम्र तमन्नाओ मे
गुज़र जाती है, मै रो पडता हूँ जब याद तुम्हारी आती है, जमाना हंसता है जब
मोहब्बत रुठ जाती है|
कब थे हम बेजान जो आज जीने लगे,कब थे हम होश मे जो आज बेहोशी मे
पीने लगे,कब थी वो हमारी जो आज हमसे जुदा है,कब ना था हम मे अनुराग
जो मिला नही हमे खुदा है|
ये याद है आपकी या यादों में आप हो? ये ख्वाब है आपके या ख्वाबों में आप हो?
हम नहीं जानते बस इतना बता दो!, हम जान है आपकी या जान हमारी आप हो?
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता! न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता!
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे! शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उसके बिना जिया नहीं जा सकता!
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है! हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम! पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
दूर है आपसे तो कुछ गम नहीं! दूर रह कर भूलने वाले हम नहीं!
रोज़ मुलाक़ात न हो तो क्या हुआ! आपकी याद आपकी मुलाक़ात से कम नहीं!
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी! तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर! जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई! मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
आपकी पलकों पर रह जाये कोई! आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें! अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!
मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते! समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा! करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
इस से पहले कि दिलो में नफरत जागे! आओ एक शाम मोहब्बत में बिता दी जाये!
करके कुछ मोहब्बत की बातें! इस शाम की मस्ती बड़ा दी जाये!
कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की! लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
वक़्त होना चाहिए किसी को मिलने का! बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
तेरे बिना जिन्दगी हम जिया नहीं करते! धोखा किसी को हम दिया नहीं करते!
जाने कैसे तुमसे दोस्ती हो गई! वरना दोस्ती हम किसी से किया नहीं करते!
देखो मेरी आँखों में ख्बाब किसका है! देखो मेरे दिल में तूफ़ान किसका है!
तुम कहते हो मेरे दिल के रास्ते से कोई नहीं गुज़रा! तो फिर यह पैरों के निशान किसके हैं!
हमारे आंसू पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं! इसी अदा से वो दिल को चुराते हैं!
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को! इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं!
दिल तोड़ना सजा है मुहब्बत की! दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की!
मांगे जो कुर्बानियां वो है मुहब्बत! और जो बिन मांगे कुर्बान हो जाये वो है दोस्ती!
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है! बस एक आपकी वफ़ा चाहती है!
कितनी मासूम और नादान है ये! खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
समझा दो अपनी यादों को! वो बिना बुलाये पास आया करती है!
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर! वो पास आकर रुलाया करती है!
न कोई सुबह है और न कोई शाम है! हर लम्हा आपका ही नाम है!
इससे मजाक मत समझ लेना! यह हमारी तरफ से प्यार का पैगाम है!
नंगे पाँव रेत पर चलने का एहसास क्या है,
रेत के कच्चे घरोंदों में यूँ ख़ास क्या है,
जहाँ तक नज़र दौड़ाओ सिर्फ पानी ही पानी है,
तो लहरों से जूझती इन नावों को तलाश क्या है?
अब जूते उतारें भी तो जाने कुछ महसूस भी हो,
रेत का महल बनाएं अगर कुछ महफूज़ भी हो,
खौफ-ज़दा बस चले जा रहे हैं, अब
जाने अंजाम क्या है और आगाज़ क्या है.
तेरी तलाश में तेरे मिलना की आस लिये
दुआऐं मॉगता फिरता हॅू दरगाहों में
अपनोकी ईनायत कभी खतम नही होती
रीस्तोकी महेक भी कभी कम नही होती
जीवनमें साथ हो गर कीसी सच्चे रीस्तोका
तो ये जींदगी कीसी जन्नंतसे कम नही लगती
अरमान था तेरे साथ जिंदगी बिताने का,
शिकवा है खुद के खामोश रह जाने का,
दीवानगी इस से बढकर और क्या होगी,
अज भी इंतजार है तेरे आने का
हमारे चले जाने के बाद,
ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,
कहा चला गया वो शख्स
जो तन्हाई मे आ कर,
बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था
सुना है वो कह कर गये है के अब तो हम,
………… सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मैं ही आएँगे,
कोई कह दे उनसे की वो वादा कर ले हम से,
………. ज़िंदगी भर के लिए हम सो जाएँगे…
दोस्ती तो सिर्फ एक इत्तफाक हैं ! यह तो दिलो की मुलाक़ात हैं !!
दोस्ती नहीं देखती यह दिन हैं की रात हैं ! इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज्बात हैं !!
शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है
पर इसे शिकायत करना नहीं आता
तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी ! दिल की धड़कन भी सायद बढ़ जाती होगी !!
कितना चाहा था हमने की साथ - साथ रहे ! यह सोच कर तुम्हारी भी आँख भर आती होगी !!
प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं !
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !!वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना !
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!
आँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया ! मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया !!
जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशान ! उस राह से किसी को गुजरने ना दिया !!
मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं ! पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते ! पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !
एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं !
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं !!
इंसान चाहे कितनो भी आम हो....!
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं !!
कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं !
पहले दिल फिर जिंदगी से जुर जाते हैं !!
कहते हैं उस दौर को दोस्ती....!
जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं !!
समझ सका न कोई मेरे दिल को !
ये दिल यूँ ही नादान रह गया !!
मुझे कोई गम नहीं इस बात का !
अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया !!
उसको चाहते रहेंगे यूँ उम्र गुजर जायेगी !
मौत आएगी और जिंदगी ले जायेगी !!
मेरे मरने पे भी मेरे सनम को रोने न देना !
उसको रोते देख मेरी रूह तड़प जायेगी !!
प्यास ऐसी की पी जाऊ आँखे तेरी !
नसीब ऐसा की हासिल जहर भी नहीं !!
बे ग़र्ज वफाए कोई हमसे पूछे...!
जिसे टूट के चाहा उसे खबर भी नहीं !!
अब भी ताज़ा हैं जख्म सिने में !
बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में...!!
हम तो जिन्दा हैं तेरा साथ पाने को !
वर्ना देर नहीं लगती हैं जहर मिने में !!
मुझे उसके पहलु में आशियाना न मिला !
उसकी झुल्फों की छाव में ठिकाना न मिला !!
कह दिया उसने बेवफा मुझको....!
जब उन्हें जानने का कोई बहाना न मिला !!
समझ न सके उन्हें हम !
क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे !!
अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे !
वो दिल तोरने के लिए मशहूर थे !!
उदासी भी मुस्कान बन जायेगी !
रूकती हुई सांसे भी जान बन जायेगी !!
भेज दीजिये हवाओं में अपनी खुशबू !
वो ही हमारी ख़ुशी का फरमान बन जाएगी !!
आपकी धड़कन से हैं रिश्ता हमारा !
आपकी साँसों से हैं नाता हमारा !!
भूल कर भी कभी भूल न जान !
आपकी यादों के सहारे हैं जीना हमारा !!
चाहे प्यार कितनो भी दूर रहे !
प्यार के सिलसिले कभी न कम होंगे !!
जब भी लगे तुम तकलीफ में हो !
पलट कर देखना तेरे पीछे हम होंगे !!
नज़रों को आंसुओ की कमी नहीं होती !
फूलों को बहारों की कमी नहीं होती...!!
आप क्यूँ इस न चीज को याद करोगे !
आप तो आसमा हो और आसमा को सितारों की कमी नहीं होती !!
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा !
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !!
जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले...!
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !!
काश कि माहौल इतना ही साज़ग़ार हो जाता
हर एक दिल मोहब्बत का तलबग़ार हो जाता.
मेरे भी आंगन में महके खुश्बू अमन चैन की
तेरे भी चमन में मौसम खुश गवार हो जाता. ...
काश कि माहौल इतना ही साज़ग़ार हो जाता
हर एक दिल मोहब्बत का तलबग़ार हो जाता.
मेरे भी आंगन में महके खुश्बू अमन चैन की
तेरे भी चमन में मौसम खुश गवार हो जाता.
तरक्की ए रफ़्तार की बुलबुल मेरी भी हो तेरी भी हो
जंग मुफ़लिसी से होती तो हर कोई मददगार हो जाता.
वो आता नहीं गर बस्ती में भेष बदल बदल कर
मेरे पड़ोस का लड़का भी बरसरे रोज़गार हो जाता.
देख कर तिरछी निगाहों से वो मुस्काते हैं
जाने क्या बात मगर करने से शरमाते हैं.
मेरी यादों में तो वो रोज चले आते हैं
अपनी आँखों में बसाने से वो कतराते हैं.
दिल के गुलशन में बसाया था जिन्हें कल हमने
आज वो बनके खलिश जख्म दिये जाते हैं.
बेवफा मैं तो नहीं हूं ये उन्हें है मालूम
जाने क्यों फिर भी मुझे दोषी वो ठहराते हैं
मेरी आवाज़ उन्होंने भी सुनी है, फिर क्यों
सामने मेरे वो आ जाने से करताते हैं.
दिल के दरिया में अभी आग लगी है जैसे
शोले कैसे ये बिना तेल लपक जाते हैं.
रँग दुनियां के कई देखे है देवी लेकिन
प्यार के इँद्रधनुष याद बहुत आते हैं
इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?
सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?
अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है
जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या ह.....
कौन चलता है ताउम्र किसी के साथ
साँसें भी थम जाती हैं धड़कन रूक जाने के बाद
तुमसे नहीं गिला कोई जो किया अच्छा किया
रिश्ते बदल जाते हैं अकसर मौसम बदल जाने के बाद
मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी दुआ में उससे अपनी मौत मांगी
ख़ुदा ने कहा बेशक मैं तुझे मौत दे दूं पर उसे क्या दूं जिसने तेरी लंबी उमर की दुआ मांगी
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,जब
पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको |
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक
हैं, वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं |
हर एक सांस पर तेरा नाम लिए जा रहे है हर चहरे में तेरा चहरा देखे जा रहे
है, तुम्हारे तसव्वुर में इस कदर बैठे है अंदाजा भी नहीं होगा कितने जाम पिए जा रहे है|
तुम्हारे साथ जीने की तमन्ना रहा गई बाकी क्या हुआ जो इस बार झोली रहा
गई खाली,माँग लेंगे खुदा से हर जन्म के लिए फिर ना रहेगी कोई ख़्वाहिश बाकी
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है
तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है
आँसू भी थोड़ा ठहर कर सोचते है हम तन्हाई मे ही क्यूँ निकलते है
दर्द-ऐ-हाल तो दिल का बयान करते है फिर हम क्यूँ छुप छुप कर रोते है
मोहब्बत ही नहीं देती इम्तहान जिंदगी में ये बदनसीबी तो चाँद तारों के साथ
भी होतीहै,मोहब्बत ही बेआबरू नहीं होती जग में ग्रहण की छाया तो तारों पर भी होती है
करोगे फरियाद गुजरे ज़माने को तरसोगे हम साथ फक पल बिठाने को,
फिरआवाज़ दोगे हमें आने को हम कहेगे दरवाजा नहीं है कब्र से बाहर आने को,
ऐ जालिम बेवफा पानी में पत्थर मत फेक उस पानी को भी कोई पीता है
ऐ बेवफा इस दिल को मत तोड़ इस दिल में भी कोई रहता है
दर्द मेरे दिल का कोई भी ना जाने ना कोई मेरी वफ़ा पहचाने
जिसका सहारा बना था कभी मै वो ही लगे दिल को दुखाने,
ना डालो मेरे मुह पे कफ़न मुझे आदत है मुस्कुराने की
मत दफनाओ मेरी लाश को क्योंकी मुझे उम्मीद है उनके आने की,
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है! जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है!
तेरे चेहरे की उदासी बता रही है! मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम! यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी! कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको! किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा! अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
एक दिन हमारे आंसूं हमसे पूछ बैठे! हमे रोज़ - रोज़ क्यों बुलाते हो! हमने कहा हम याद तो
उन्हें करते हैं तुम क्यों चले आते हो!
जब तक तुम्हें न देखूं! दिल को करार नहीं आता! अगर किसी गैर के साथ देखूं! तो फिर
सहा नहीं जाता!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है! खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों! यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम - ऐ - जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न
मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
न वो आ सके न हम कभी जा सके! न दर्द दिल का किसी को सुना सके! बस बैठे है यादों में
उनकी! न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!
बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया! उनकी यादों को दिल से मिटा दिया! एक दिन फिर
उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ! और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!
बड़ी मुश्किल में हूँ! मैं कैसे इज़हार करू! तुम तो खुशबु हो! तुमको कैसे कैद करू!
कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा! इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा!
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे! कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा! सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा! न जाने
क्या बात थी उन मे और हम मे! सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
आज यह कैसी उदासी छाई है! तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल! जाने आज किसकी याद आई है!
माना की तुम जीते हो ज़माने के लिये! एक बार जी के तो देखो हमारे लिये!
दिल की क्या औकात आपके सामने! हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
जिंदगी हर पल कुछ खास नहीं होती! फूलों की खुशबू पास नहीं होती!
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना! इतनी प्यारी दोस्ती इतफाक नहीं होती!
जिंदगी हर पल कुछ खास नहीं होती! फूलों की खुशबू पास नहीं होती!
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना! इतनी प्यारी दोस्ती इतफाक नहीं होती!
शिकायत है उन्हें कि हमें मोहब्बत करना नही आता,
शिकवा तो इस दिल को भी है
पर इसे शिकायत करना नहीं आता
तुम्हे हमारी याद कभी तो आती होगी ! दिल की धड़कन भी सायद बढ़ जाती होगी !!
कितना चाहा था हमने की साथ - साथ रहे ! यह सोच कर तुम्हारी भी आँख भर आती होगी !!
प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं !
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं !!वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना !
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं !!
आँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया ! मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया !!
जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशान ! उस राह से किसी को गुजरने ना दिया !!
मोहब्बत के बिना ज़िन्दगी फिजूल हैं ! पर मोहब्बत के भी अपने उसूल हैं !!
कहते हैं मिलती हैं मोहब्बत में बहुत उल्फ़ते ! पर आप हो महबूब तो सब कबूल हैं !
एक सच्चा दिल सब के पास होता हैं !
फिर क्यों नहीं सब पे विश्वास होता हैं !!
इंसान चाहे कितनो भी आम हो....!
वो किसी न किसी के लिए जरुर खास होता हैं !!
कुछ रिश्ते अनजाने में हो जाते हैं !
पहले दिल फिर जिंदगी से जुर जाते हैं !!
कहते हैं उस दौर को दोस्ती....!
जिसमे लोग जिंदगी से भी प्यारे हो जाते हैं !!
समझ सका न कोई मेरे दिल को !
ये दिल यूँ ही नादान रह गया !!
मुझे कोई गम नहीं इस बात का !
अफसोस हैं की मेरा यार भी मुझसे अंजान रह गया !!
उसको चाहते रहेंगे यूँ उम्र गुजर जायेगी !
मौत आएगी और जिंदगी ले जायेगी !!
मेरे मरने पे भी मेरे सनम को रोने न देना !
उसको रोते देख मेरी रूह तड़प जायेगी !!
प्यास ऐसी की पी जाऊ आँखे तेरी !
नसीब ऐसा की हासिल जहर भी नहीं !!
बे ग़र्ज वफाए कोई हमसे पूछे...!
जिसे टूट के चाहा उसे खबर भी नहीं !!
अब भी ताज़ा हैं जख्म सिने में !
बिन तेरे क्या रखा हैं जीने में...!!
हम तो जिन्दा हैं तेरा साथ पाने को !
वर्ना देर नहीं लगती हैं जहर मिने में !!
मुझे उसके पहलु में आशियाना न मिला !
उसकी झुल्फों की छाव में ठिकाना न मिला !!
कह दिया उसने बेवफा मुझको....!
जब उन्हें जानने का कोई बहाना न मिला !!
समझ न सके उन्हें हम !
क्योकि हम प्यार के नशे में चूर थे !!
अब समझ में आया जिसपे हम जान लुटाते थे !
वो दिल तोरने के लिए मशहूर थे !!
उदासी भी मुस्कान बन जायेगी !
रूकती हुई सांसे भी जान बन जायेगी !!
भेज दीजिये हवाओं में अपनी खुशबू !
वो ही हमारी ख़ुशी का फरमान बन जाएगी !!
आपकी धड़कन से हैं रिश्ता हमारा !
आपकी साँसों से हैं नाता हमारा !!
भूल कर भी कभी भूल न जान !
आपकी यादों के सहारे हैं जीना हमारा !!
चाहे प्यार कितनो भी दूर रहे !
प्यार के सिलसिले कभी न कम होंगे !!
जब भी लगे तुम तकलीफ में हो !
पलट कर देखना तेरे पीछे हम होंगे !!
नज़रों को आंसुओ की कमी नहीं होती !
फूलों को बहारों की कमी नहीं होती...!!
आप क्यूँ इस न चीज को याद करोगे !
आप तो आसमा हो और आसमा को सितारों की कमी नहीं होती !!
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा !
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !!
जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले...!
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा !!
काश कि माहौल इतना ही साज़ग़ार हो जाता
हर एक दिल मोहब्बत का तलबग़ार हो जाता.
मेरे भी आंगन में महके खुश्बू अमन चैन की
तेरे भी चमन में मौसम खुश गवार हो जाता. ...
काश कि माहौल इतना ही साज़ग़ार हो जाता
हर एक दिल मोहब्बत का तलबग़ार हो जाता.
मेरे भी आंगन में महके खुश्बू अमन चैन की
तेरे भी चमन में मौसम खुश गवार हो जाता.
तरक्की ए रफ़्तार की बुलबुल मेरी भी हो तेरी भी हो
जंग मुफ़लिसी से होती तो हर कोई मददगार हो जाता.
वो आता नहीं गर बस्ती में भेष बदल बदल कर
मेरे पड़ोस का लड़का भी बरसरे रोज़गार हो जाता.
देख कर तिरछी निगाहों से वो मुस्काते हैं
जाने क्या बात मगर करने से शरमाते हैं.
मेरी यादों में तो वो रोज चले आते हैं
अपनी आँखों में बसाने से वो कतराते हैं.
दिल के गुलशन में बसाया था जिन्हें कल हमने
आज वो बनके खलिश जख्म दिये जाते हैं.
बेवफा मैं तो नहीं हूं ये उन्हें है मालूम
जाने क्यों फिर भी मुझे दोषी वो ठहराते हैं
मेरी आवाज़ उन्होंने भी सुनी है, फिर क्यों
सामने मेरे वो आ जाने से करताते हैं.
दिल के दरिया में अभी आग लगी है जैसे
शोले कैसे ये बिना तेल लपक जाते हैं.
रँग दुनियां के कई देखे है देवी लेकिन
प्यार के इँद्रधनुष याद बहुत आते हैं
इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?
पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?
सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?
अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?
इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.
मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?
कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?
तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है
जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या ह.....
कौन चलता है ताउम्र किसी के साथ
साँसें भी थम जाती हैं धड़कन रूक जाने के बाद
तुमसे नहीं गिला कोई जो किया अच्छा किया
रिश्ते बदल जाते हैं अकसर मौसम बदल जाने के बाद
मैंने ख़ुदा से एक छोटी सी दुआ मांगी दुआ में उससे अपनी मौत मांगी
ख़ुदा ने कहा बेशक मैं तुझे मौत दे दूं पर उसे क्या दूं जिसने तेरी लंबी उमर की दुआ मांगी
जिंदगी देने वाले , मरता छोड़ गये, अपनापन जताने वाले तन्हा छोड़ गये,जब
पड़ी जरूरत हमें अपने हमसफर की, वो जो साथ चलने वाले, रास्ता मोड़ गये
गुनाह करके सज़ा से डरते हैं, जहर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं, हम तो दोस्तों की वफ़ा से डरते हैं |
कोई अच्छी सी सज़ा दो मुझको,चलो ऐसा करो भूला दो मुझको,
तुमसे बिछडु तो मौत आ जाये दिल की गहराई से ऐसी दुआ दो मुझको |
ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं, तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक
हैं, वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी, हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं |
हर एक सांस पर तेरा नाम लिए जा रहे है हर चहरे में तेरा चहरा देखे जा रहे
है, तुम्हारे तसव्वुर में इस कदर बैठे है अंदाजा भी नहीं होगा कितने जाम पिए जा रहे है|
तुम्हारे साथ जीने की तमन्ना रहा गई बाकी क्या हुआ जो इस बार झोली रहा
गई खाली,माँग लेंगे खुदा से हर जन्म के लिए फिर ना रहेगी कोई ख़्वाहिश बाकी
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे है
तू एक नज़र हम को देख ले इस आस मे कब से बेकरार बैठे है
आँसू भी थोड़ा ठहर कर सोचते है हम तन्हाई मे ही क्यूँ निकलते है
दर्द-ऐ-हाल तो दिल का बयान करते है फिर हम क्यूँ छुप छुप कर रोते है
मोहब्बत ही नहीं देती इम्तहान जिंदगी में ये बदनसीबी तो चाँद तारों के साथ
भी होतीहै,मोहब्बत ही बेआबरू नहीं होती जग में ग्रहण की छाया तो तारों पर भी होती है
करोगे फरियाद गुजरे ज़माने को तरसोगे हम साथ फक पल बिठाने को,
फिरआवाज़ दोगे हमें आने को हम कहेगे दरवाजा नहीं है कब्र से बाहर आने को,
ऐ जालिम बेवफा पानी में पत्थर मत फेक उस पानी को भी कोई पीता है
ऐ बेवफा इस दिल को मत तोड़ इस दिल में भी कोई रहता है
दर्द मेरे दिल का कोई भी ना जाने ना कोई मेरी वफ़ा पहचाने
जिसका सहारा बना था कभी मै वो ही लगे दिल को दुखाने,
ना डालो मेरे मुह पे कफ़न मुझे आदत है मुस्कुराने की
मत दफनाओ मेरी लाश को क्योंकी मुझे उम्मीद है उनके आने की,
कोई वादा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है! जुदाई के बाद भी तुम से प्यार है!
तेरे चेहरे की उदासी बता रही है! मुझसे मिलने के लिये तू भी बेकरार है!
मोहब्बत मुझे थी उसी से सनम! यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा!
मौत भी मेरी चाहत को रोक न सकी! कब्र में भी यह दिल धड़कता रहा!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको! किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा! अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती! मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती!
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से! उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती!
एक दिन हमारे आंसूं हमसे पूछ बैठे! हमे रोज़ - रोज़ क्यों बुलाते हो! हमने कहा हम याद तो
उन्हें करते हैं तुम क्यों चले आते हो!
जब तक तुम्हें न देखूं! दिल को करार नहीं आता! अगर किसी गैर के साथ देखूं! तो फिर
सहा नहीं जाता!
जब कोई ख्याल दिल से टकराता है! दिल न चाह कर भी, खामोश रह जाता है!
कोई सब कुछ कहकर, प्यार जताता है! कोई कुछ न कहकर भी, सब बोल जाता है!
तुम क्या जानो शराब कैसे पिलाई जाती है! खोलने से पहले बोतल हिलाई जाती है!
फिर आवाज़ लगायी जाती है आ जाओ दर्दे दिलवालों! यहाँ दर्द-ऐ-दिल की दावा पिलाई जाती है!
इश्क मुहब्बत तो सब करते हैं! गम - ऐ - जुदाई से सब डरते हैं हम तो न इश्क करते हैं न
मुहब्बत! हम तो बस आपकी एक मुस्कुराहट पाने के लिए तरसते हैं!
न वो आ सके न हम कभी जा सके! न दर्द दिल का किसी को सुना सके! बस बैठे है यादों में
उनकी! न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके!
बड़ी कोशिश के बाद उन्हें भूला दिया! उनकी यादों को दिल से मिटा दिया! एक दिन फिर
उनका पैगाम आया लिखा था मुझे भूल जाओ! और मुझे भूला हुआ हर लम्हा याद दिला दिया!
बड़ी मुश्किल में हूँ! मैं कैसे इज़हार करू! तुम तो खुशबु हो! तुमको कैसे कैद करू!
कल फुर्सत न मिली तो क्या होगा! इतनी मोहलत न मिली तो क्या होगा!
रोज़ कहते हो कल मिलेंगे, कल मिलेंगे! कल मेरी आँखे न खुली तो क्या होगा!
सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा! सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा! न जाने
क्या बात थी उन मे और हम मे! सारी महफिल भूल गए बस वही एक चेहरा याद रहा!
आज यह कैसी उदासी छाई है! तन्हाई के बादल से भीगी जुदाई है!
रोया है फिर मेरा दिल! जाने आज किसकी याद आई है!
माना की तुम जीते हो ज़माने के लिये! एक बार जी के तो देखो हमारे लिये!
दिल की क्या औकात आपके सामने! हम तो जान भी दे देंगे आपको पाने के लिये!
जिंदगी हर पल कुछ खास नहीं होती! फूलों की खुशबू पास नहीं होती!
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना! इतनी प्यारी दोस्ती इतफाक नहीं होती!
जिंदगी हर पल कुछ खास नहीं होती! फूलों की खुशबू पास नहीं होती!
मिलना हमारी तक़दीर में था वरना! इतनी प्यारी दोस्ती इतफाक नहीं होती!
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद!
हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!
दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाये! हम आपको याद करे और आपको खबर हो जाये!
रब से बस इतनी दुआ करते हैं! आप जो चाहे आपको मिल जाये!
जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से!
प्यार शुरू होता है अपनों से! और अपने शुरू होते है आप से!
साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा! दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा!
जी लो ये पल जब तक हम साथ है! कल का क्या पता हम हो न हो!
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना!
चल सको तो चलना उस राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
शाम होते ही ये दिल उदास होता है! टूटे ख्वाबों के सिवा कुछ न पास होता है!
तुम्हरी याद ऐसे वक़्त बहुत आती है! जब कोई बन्दर आस-पास होता है!
दिल में है जो दर्द वो दर्द किसे बताएं! हंसते हुए ये ज़ख्म किसे दिखाएँ!
कहती है ये दुनिया हमे खुश नसीब! मगर इस नसीब की दास्ताँ किसे बताएं!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उस के बिना जिया नहीं जा सकता!
शादी करनी थी पर किस्मत खुली नहीं! ताज बनाना था पर मुमताज मिली नहीं!
एक दिन किस्मत खुली और शादी हो गई! अब ताज बनाना है पर यह मुमताज मरती ही नहीं!
तुझे भूलकर भी न भूल पायेगें हम! बस यही एक वादा निभा पायेगें हम!
मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकिन! तेरा नाम दिल से न मिटा पायेगें हम!
मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं! प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं!
मुद्दतें बीत जाती हैं किसी के इंतज़ार में! ये सिर्फ पल-दो-पल का काम नहीं!
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए! वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!m वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है?
कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
रात हुई जब शाम के बाद! तेरी याद आई हर बात के बाद!
हमने खामोश रहकर भी देखा! तेरी आवाज़ आई हर सांस के बाद!
दिल जब टूटता है तो आवाज नहीं आती! हर किसी को मुहब्बत रास नहीं आती!
ये तो अपने-अपने नसीब की बात है! कोई भूलता नहीं और किसी को याद भी नहीं आती!
काश दिल की आवाज़ में इतना असर हो जाये! हम आपको याद करे और आपको खबर हो
जाये! रब से बस इतनी दुआ करते हैं! आप जो चाहे आपको मिल जाये!
जिंदगी शुरू होती है रिश्तों से! रिश्ते शुरू होते है प्यार से! प्यार शुरू होता है अपनों से! और
अपने शुरू होते है आप से!
साथ रहते रहते वक़्त गुज़र जाएगा! दूर होने के बाद कौन किसे याद आएगा! जी लो ये पल
जब तक हम साथ है! कल का क्या पता हम हो न हो!
कभी किसी से प्यार मत करना! हो जाये तो इंकार मत करना! चल सको तो चलना उस
राह पर! वरना किसी की ज़िन्दगी ख़राब मत करना!
चेहरे पर अश्कों की लक़ीर बन गई जो न चाहा था वो ही तक़दीर बन गई हमने तो रेत पर
चलाई थीं उंगलियां देखा तो आपकी तस्वीर बन गई।
कहते है वक़्त हर ज़ख्म को भर देता है लेकिन जाने क्यो मैने अपने ज़ख्म को
हर वक़्त हारा पाया, तुम तो चल दिये छोड कर तन्हा मुझको लेकिन आंखो
को हर पल तेरे इन्तेज़ार मे बिछा पाया....................
बहुत दिनो से आपका कोई पैगाम ना आया दिल का तडपना कुछ काम ना
आया, तू नही तो तेरी याद ही सही घर से तेरे मै नकाम ना आया.....
अब इस से बढकर वफा की हद क्या होगी कि हर ज़रे मे मैने अक्स तेरा पाया
जब कभी चली बात तेरी ए दोस्त जब्त आंसू कर गये हम लेकिन दिल को
रोता पाया
पत्थर सुलग रहे कोई नक्शा ना था हम जिस तरफ चले थे उधर रास्ता ना था
नाकामियो की सहर की तन्हाईया ना पूछ अपना सरिके गम कोई अपने सिवा
ना था
काश ये दिन आया ना होता ज़िन्दगी ने यू अकेले छोडा ना होता
सब कुछ पाकर भी कुछ अधुरा सा है काश किसी दोस्त ने यू छोडा ना होता
आप कहते थे की रोने से ना बदलेंगे नसीब उम्र भर आपकी इसी बात ने रोने
ना दिया, रोने वालो से कहो उनका भी रोना रो ले जिनको मजबुरी-ए-हालात
ने रोने ना दिया,
क्या बताये वो ज़िन्दगी के गम, किसी का दोश है कहाँ, जख्म हम खुद ही खाते
है, खडे है आज उस मुकाम पे हम जहाँ जाने वाले कभी लौट के ना आते है,
दर्द से हाथ ना मिलाते तो और क्या करते,गम के आंसू ना बहाते तो और क्या
करते,उसने मांगी थी हमसे रोशनी की दुआ,हम खुद को ना जलाते तो और क्या
करते|
अपने होठो पर सजा कर तुझे, हम तेरे ही गीत गाना चाहते है,
जल कर बुझ जाना हमारी किस्मत सही, बस एक बार रोशन होना चाहते है|
दिल की हालत की तरफ किसकी नज़र जाती है, प्यार की उम्र तमन्नाओ मे
गुज़र जाती है, मै रो पडता हूँ जब याद तुम्हारी आती है, जमाना हंसता है जब
मोहब्बत रुठ जाती है|
कब थे हम बेजान जो आज जीने लगे,कब थे हम होश मे जो आज बेहोशी मे
पीने लगे,कब थी वो हमारी जो आज हमसे जुदा है,कब ना था हम मे अनुराग
जो मिला नही हमे खुदा है|
ये याद है आपकी या यादों में आप हो? ये ख्वाब है आपके या ख्वाबों में आप हो?
हम नहीं जानते बस इतना बता दो!, हम जान है आपकी या जान हमारी आप हो?
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता! न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता!
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे! शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता!
प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जा सकता! ज़हर दुश्मन से लिया नहीं जा सकता!
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की! उसके बिना जिया नहीं जा सकता!
कहती है दुनिया जिसे प्यार, नशा है , खताह है! हमने भी किया है प्यार , इसलिए हमे भी पता है!
मिलती है थोड़ी खुशियाँ ज्यादा गम! पर इसमें ठोकर खाने का भी कुछ अलग ही मज़ा है!
दूर है आपसे तो कुछ गम नहीं! दूर रह कर भूलने वाले हम नहीं!
रोज़ मुलाक़ात न हो तो क्या हुआ! आपकी याद आपकी मुलाक़ात से कम नहीं!
तुम खफा हो गए तो कोई ख़ुशी न रहेगी! तेरे बिना चिरागों में रोशनी न रहेगी
क्या कहे क्या गुजरेगी दिल पर! जिंदा तो रहेंगे पर ज़िन्दगी न रहेगी!
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं! तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई! मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
आपकी पलकों पर रह जाये कोई! आपकी सांसो पर नाम लिख जाये कोई!
चलो वादा रहा भूल जाना हमें! अगर हमसे अच्छा दोस्त मिल जाये कोई!
मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते! समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा! करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है! दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है!
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ! वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है!
इस से पहले कि दिलो में नफरत जागे! आओ एक शाम मोहब्बत में बिता दी जाये!
करके कुछ मोहब्बत की बातें! इस शाम की मस्ती बड़ा दी जाये!
कशिश होनी चाहिए किसी को याद करने की! लम्हे तो अपने आप मिल जायेंगे!
वक़्त होना चाहिए किसी को मिलने का! बहाने तो अपने आप मिल जायेंगे!
तेरे बिना जिन्दगी हम जिया नहीं करते! धोखा किसी को हम दिया नहीं करते!
जाने कैसे तुमसे दोस्ती हो गई! वरना दोस्ती हम किसी से किया नहीं करते!
देखो मेरी आँखों में ख्बाब किसका है! देखो मेरे दिल में तूफ़ान किसका है!
तुम कहते हो मेरे दिल के रास्ते से कोई नहीं गुज़रा! तो फिर यह पैरों के निशान किसके हैं!
हमारे आंसू पोंछ कर वो मुस्कुराते हैं! इसी अदा से वो दिल को चुराते हैं!
हाथ उनका छू जाये हमारे चेहरे को! इसी उम्मीद में हम खुद को रुलाते हैं!
दिल तोड़ना सजा है मुहब्बत की! दिल जोड़ना अदा है दोस्ती की!
मांगे जो कुर्बानियां वो है मुहब्बत! और जो बिन मांगे कुर्बान हो जाये वो है दोस्ती!
ज़िन्दगी से पूछिये ये क्या चाहती है! बस एक आपकी वफ़ा चाहती है!
कितनी मासूम और नादान है ये! खुद बेवफा है और वफ़ा चाहती है!
समझा दो अपनी यादों को! वो बिना बुलाये पास आया करती है!
आप तो दूर रहकर सताते हो मगर! वो पास आकर रुलाया करती है!
न कोई सुबह है और न कोई शाम है! हर लम्हा आपका ही नाम है!
इससे मजाक मत समझ लेना! यह हमारी तरफ से प्यार का पैगाम है!
नंगे पाँव रेत पर चलने का एहसास क्या है,
रेत के कच्चे घरोंदों में यूँ ख़ास क्या है,
जहाँ तक नज़र दौड़ाओ सिर्फ पानी ही पानी है,
तो लहरों से जूझती इन नावों को तलाश क्या है?
अब जूते उतारें भी तो जाने कुछ महसूस भी हो,
रेत का महल बनाएं अगर कुछ महफूज़ भी हो,
खौफ-ज़दा बस चले जा रहे हैं, अब
जाने अंजाम क्या है और आगाज़ क्या है.